मुहांसों से परेशान हैं? यहां पाएं इसकी पूरी जानकारी

 मुहांसों से परेशान हैं? यहां पाएं इसकी पूरी जानकारी

रोहित पाल

आज के प्रदूषित वातावरण और खान-पान के कारण कई त्वचा संबंधी बीमारियां ने जन्म ले लिया है। लेकिन त्वचा की एक समस्या 'मुहासों की समस्या' जिसका सामना लगभग हर युवा करना पड़ता है। यह अमूमन हर युवा को होती है। इससे छुटकारा पाने के लिए बेहतर से बेहतर इलाज करवाते हैं लेकिन मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलता है। हालांकि यह समस्या कई वजह से हो सकती हैं। डॉक्टर के अनुसार त्वचा तीन परतों से बानी होती है सबसे ऊपरी परत समय के अनुसार बदलती रहती है। ऐसा मृत त्वचा के झड़ जाने से होता है। यह प्रक्रिया चलती रहती है। उसके नीचे वाली परतों में नसें, रक्तनलिकाएं, तेल व पसीने की ग्रंथियां तथा हेयर फोलिकल (रोमकूप) होते हैं। सबसे नीचे वाली परत वसा कोशिकाओं से बनी होती है। सही ध्यान नहीं रखने पर तेल ग्रंथियां और मृत त्वचा रोमकूपों में रुकावट पैदा करती हैं, जिससे नई परत बाहर नहीं निकल पाती। वहां त्वचा फूलकर दानों का रूप ले लेती है, जिसे मुहांसे कहते हैं।

मुहांसों की समस्या के बारे में प्रो.डॉ. एम. पी. श्रीवास्तव ने भी अपनी किताब में लिखा है। डॉ. एम. पी. श्रीवास्तव लिखते हैं कि यह एक समान्य रोग है, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक सताता है। मुंह अलावा पीठ पर भी मुहांसे होते हैं। यह त्वचा की सेवेशियस ग्रंथियों को प्रभावित करता है। अभी इसके कारणों के संबंध में पूर्ण ज्ञान नहीं है। लेकिन इसका संबंध कुछ हार्मोनों से जरूर हैं। यदि किसी खाद्य-पदार्थ से ये अधिक होते हैं तो उसका सेवन बंद कर दें। तैलीय पदार्थों का सेवन न करें। इनका इलाज विशेष मरहम, अल्ट्रावायलट किरणों या एंटीबायोटिक से किया जाता है। इसके लिए स्किन स्पेस्लिस्ट से परामर्श करें।

मुहांसे दो प्रकार के होते है और इनकी पहचान तरह कर सकते हैं। जैसे एक जिसमें छोटे-छोटे सफेद दाने होते हैं, जिनमें मवाद भर जाता है। दूसरे, लाल रंग के दाने होते हैं, जो ज्यादातर सूखी त्वचा वालों को होते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है कि महांसे कई कारणों से हो सकते हैं। जैसे- मुहांसों के होने कारण हार्मोन में असंतुलन होना है। इसके लिए खान-पान और जीवनशैली में सुधार करना जरूरी होता है।

मुहांसे होने का कारण-

महिलाओं में मुहांसों होने का कारण माहवारी चक्र का सही नहीं होना भी हो सकता है। इसके अलावा कई कारण जैसे- गर्भावस्था के दौरान, अधिक धुप के कारण और शरीर में इंसुलिन के बढ़ जाने पर भी होते हैं। हालांकि मुहांसों के होने का खान-पान सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। जिन्हें मुहांसे अधिक निकलते हैं, उन्हें हाई ग्लाइसेमिक खाना नहीं खाना चाहिए। ये वे चीजें होती हैं जिनमें कार्बोहाइडे्रट बहुत ज्यादा होता है।

हाई ग्लाइसेमिक फूड से परहेज करें-

इन चीजों में हाई ग्लाइसेमिक पाया जाता है। जैसे- सफेद ब्रेड, नान और मैदे से बनी चीजें 'स्टार्चयुक्त सब्जियां जैसे आलू ' छोटे व मोटे चावल ' पाश्ता, नूडल, बर्गर आदि जंकफूड ' दूध या दूध से बनी चीजें 'केक, पेस्ट्री, बिस्कुट, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक 'फलों में तरबूज आदि।

लो ग्लाइसेमिक फूड का सेवन करें-

इन चीजों में लो ग्लाइसेमिक कम पाया जाता है जिससे इनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और पोषक तत्व अधिक होते हैं। ये भोजन हैं-  ब्राउन ब्रेड, ओट्स व मछली ' बासमती और सेला चावल 'हरी पत्तेदार सब्जियां 'सरसों का तेल, राइस ब्रान तेल, जैतून का तेल, नारियल तेल, घी आदि ' बादाम, काजू, खुबानी आदि मेवे ' फलों में सेब, स्ट्राबेरी, अमरूद आदि।

इन चीजों को भोजन में करें शामिल-                

खाने में करें शामिल जिंक व आयरन युक्त चीजें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार आदि आहार में शामिल करें। विटामिन-सी त्वचा के लिए अच्छा होता है, इसके लिए खट्टे वर्ग के फल व सब्जियां खाएं। विटामिन ए, डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त चीजें लें। मछली व अखरोट में ओमेगा-3 खूब होता है। पानी भी पर्याप्त मात्रा में पिएं। जबड़े वाला हिस्सा जब लिवर ढंग से काम नहीं कर रहा हो तो जबड़े वाले हिस्से में मुहांसे निकलने लगते हैं। इसके लिए डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं। गाल पर यह साफ संकेत है कि हमारा पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर रहा है। अपच के कारण ऐसा होता है। इसके लिए आप भोजन में फाइबर युक्त चीजें शामिल करें। सुपाच्य भोजन करें। माथे पर माथे पर मुहांसे सिर में खुश्की और रूसी के कारण भी निकलते हैं। बाल खुजलाने के बाद तुरंत हाथ से चेहरा छू लेना भी मुहांसे निकलने का कारण हो सकता है।

 

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